ॐ सांई राम
कल हमने पढ़ा था.. संकटमोचक साईं बाबा
श्री साईं लीलाएं - काका आप कल जायें
शिरडी में जिस तरह रामजन्म उत्सव मनाया जाता, वैसे ही कृष्ण जन्मोत्सव भी मनाया जाता था| पालना बांधकर कृष्ण जन्मदिन बड़ी धूमधाम से, हँसते गाते, नाचते-भजन-कीर्तन करते हुए मनाया जाता| आस-पास के गांवों से भी लोग इस उत्सव को देखने के लिए आते थे|एक बार मुम्बई से काका महाजनी शिरडी आये| सप्ताह भर शिरडी में रहकर बाबा के सत्संग का लाभ उठाकर, फिर कृष्ण जन्मोत्सव में शामिल होकर उसके आनंद का लाभ लेनें के बाद मुम्बई लौटने का उनका विचार था, परन्तु बाबा तो अंतर्यामी थे| वे सबके मन की बात पहले ही जान लेते थे| इसलिये काका महाजनी जब बाबा के दर्शन करने आये तो दर्शन कर चुकने के बाद साईं बाबा ने उनसे पूछा - "काका, आपका वापस जाने का विचार कब का है ?" बाबा का सवाल सुनकर काका हैरानी में पड़ गये| उन्होंने तो आठ-दस दिन रहने का विचार बना रखा था| सवाल सुनकर काका उलझन में पड़ गये| फिर भी उन्होंने जवाब दिया - "बाबा, जब भी आपकी आज्ञा होगी|" बाबा ने कहा - "तुम कल ही चले जाओ|
कल चर्चा करेंगे... कुछ दिन रुको, आराम से चले जाना