शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप (रजि.)

Monday, 15 August 2022

श्री साईं वाणी (भाग 2)

ॐ सांई राम





श्री  साईं  वाणी (भाग 2)

साईं  नाम  के  भरो  भण्डार, साईं  नाम  का  सद्व्यवहार|
यहाँ  नाम  की  करो  कमाई, वहाँ  न  होय  कोई  कठिनाई||

झोली  साईं  नाम  से  भरिये, संचित  साईं  नाम  धन  करिये|
जुड़े  नाम  का  जब  धन  माल, साईं  कृपा  ले  अंत  संभाल||


साईं  साईं  पढ़  शक्ति  जगावे, साईं  साईं  धुन  जभी  रमावे|
साईं  नाम  जब  जगे  अभंग, चेतन  भाव  जगे  सुख  संग||


भावना  भक्ति  भरे  भजनीक, भजते  साईं  नाम  रमणीक|
भजते  भक्त  भाव  भरपूर, भ्रम  भय  भेदभाव   से  दूर||


साईं  साईं  सुगुणी  जन  गाते, स्वर  सँगीत  से  साईं  रिझाते|
कीर्तन  कथा  करते  विद्वान, सार  सरस  संग  साधनवान||


काम  क्रोध  और  लोभ  ये, तीन  पाप  के  मूल|
नाम  कुल्हाड़ी  हाथ  ले, कर  इनको  निर्मूल||


साईं  नाम  है  सब  सुख  खान, अंत  करे  सब  का  कल्याण|
जीवन  साईं  से  प्रीती  कराना, मरना  मन  से  साईं  न  बिसारना||


साईं  भजन  बिना  जीवन  जीना, आठों  पहर  हलाहल  पीना|
भीतर  साईं  का  रूप  समावे, मस्तक  पर  प्रतिमा  छा  जावे||


जब  जब  ध्यान  साईं  का  आवे, रोम  रोम  पुलकित  हो  जावे|
साईं  कृपा  सूरज  का  उगना, हृदय  साईं  पंकज  खिलना||

ॐ  साईं  श्री  साईं  जय जय  साईं