शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप (रजि.)

Sunday, 31 October 2021

जबसे बढ़ा सांई से रिश्ता दुनियां छूटी जाय

ॐ सांई राम



जबसे बढ़ा सांई से रिश्ता
दुनियां छूटी जाय
हम आऐ सांई के द्वारे
धरती कहीं भी जाय

चहूं ओर तूफ़ान के धारे,
मैली हवा वीरान किनारे
जीवन नैया सांई सहारे
फिर भी चलती जाय
जबसे बढ़ा सांई से रिश्ता
दुनिया छूटी जाय

नाम सिमर ले जब तक दम है,
बोझ ज़ियादा वक्त भी कम है
याद रहे दो दिन की उमरिया
पल पल घटती जाय
जबसे बढ़ा………………

मेरे बाबा सुन लो, मन की पुकार को।
शरण अपनी ले लो, ठुकरा दूँगा संसार को।

ठुकराया है दुनिया ने, देकर खूब भरोसा
अब न खाने वाला, इस दुनिया से धोखा
करो कृपा न भूलूँ मैं, तेरे इस उपकार को।
शरण अपनी ले लो, ठुकरा दूँगा संसार को।

जीवन बन गया बाबा, सचमुच एक पहेली
जाने कब सुलझेगी, मेरे जीवन की पहेली
राह दिखाना भोले, अपने भक्त लाचार को।
शरण अपनी ले लो, ठुकरा दूँगा संसार को।

तेरे सिवा न कोई है, जिसको कहूँ मैं अपना
लगता होगा पूरा न , जो भी देखा है सपना
तुम्ही जानो कैसे, मिलेगा चैन बेकरार को।
शरण अपनी ले लो, ठुकरा दूँगा संसार को।