शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप (रजि.)

Saturday, 21 August 2021

अंत में कुछ भी हाथ न आया सिवाय पश्चाताप के

 ॐ सांई राम



अंत में कुछ भी हाथ न आया सिवाय पश्चाताप के

थोङा सा सम्मान मिला,पागल हो गए।
थोङा सा धन मिला,बेकाबू हो चले।
थोङा सा ज्ञान मिला,उपदेश की भाषा सीख ली।
थोङा सा यश मिला,दुनिया पर हंसने लगे।
थोङा सा रूप मिला,दर्पण को तोङ डाला।
थोङा सा अधिकार मिला,दूसरों को तबाह कर दिया।
इस प्रकार तमाम उम्र छलनी से पानी भरते रहे।
अपनी समझ से बहुत बङा काम करते रहे।
अंत में कुछ भी हाथ न आया सिवाय पश्चाताप के।
जय साईं राम