शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप (रजि.)

Monday, 20 July 2020

साईं वाणी (भाग 5)

ॐ सांई राम


साईं वाणी (भाग 5)
साईं कृपा भरपूर मैं पाऊँ, प्रथम प्रभु को भीतर लाऊँ |
साईं ही साईं साईं कह मीत, साईं सेकर ले सच्ची प्रीत ||

साईं ही साईं का दर्शन करिये, मन भीतर इक आनंद भरिये |
साईं की जब मिल जाये भिक्षा, फिर मन में कोई रहे न इच्छा ||


जब जब मन का तार हिलेगा, तब तब साईं का प्यार मिलेगा |
मिटेगी जग से आनी जानी, जीवन मुक्त होये यह प्राणी||


शिर्डी के हैं साईं हरि, तीन लोक के नाथ |

बाबा हमारे पावन प्रभु, सदा के सँगी साथ ||


साईंधुनी जब पकड़े ज़ोर , खींचें साईं प्रभु अपनी ओर|
मंदिर मंदिर बस्ती बस्ती, छा जाये साईं नाम की मस्ती||

अमृतरूप साईं गुणगान, अमृत कथन साईं व्याख्यान |
अमृत वचन साईं की चर्चा, सुधा सम गीत साईं की अर्चा ||


शुभ रसना वही कहावे, साईं राम जहाँ नाम सुहावे |
शुभ कर्म है नाम कमाई, साईं नाम परम सुखदाई ||

जब जी चाहे दर्शन पाइये, जय जयकार साईं की गाइये |
साईं नाम की धुनी लगाइये, सहज ही भाव सागर तर जाइये ||


बाबा को भजें निरंतर, हर दम ध्यान लगावे |
बाबा में मिल जावे अंत में, जनम सफल हो जावे ||

ॐ  साईं  श्री  साईं  जय जय  साईं