ॐ सांई राम
ना सब दिन एक समान
हे साँई बाबा हे साँई बाबा
साँई कैसा तेरा ये विधान
ना सब दिन एक समान
इक दिन हरिश्च्न्द्र भरे ख़ज़ाना
फिर माँगे कफ़न का दान
ना सब दिन एक समान
इक दिन रामचन्द्र चढ़े विमाना
फिर हुआ उनका बनवास
ना सब दिन एक समान
इक दिन बालक भयो सयाना
फिर जाकर जरे मसान
ना सब दिन एक समान
कहत कबीरा पद निरवाना
जो समझे चतुर सुजान
ना सब दिन एक समान
साँई कैसा तेरा ये विधान
ना सब दिन एक समान
ना सब दिन एक समान
इक दिन हरिश्च्न्द्र भरे ख़ज़ाना
फिर माँगे कफ़न का दान
ना सब दिन एक समान
इक दिन रामचन्द्र चढ़े विमाना
फिर हुआ उनका बनवास
ना सब दिन एक समान
इक दिन बालक भयो सयाना
फिर जाकर जरे मसान
ना सब दिन एक समान
कहत कबीरा पद निरवाना
जो समझे चतुर सुजान
ना सब दिन एक समान
साँई कैसा तेरा ये विधान
ना सब दिन एक समान
-: आज का साईं सन्देश :-
साईं लीला श्रवण ही,
सबसे सुगम उपाय ।
मन मंदिर साईं बसा,
मोक्षद्वार खुल जाय ।।
मन लोभी का भटकता,
धन की चिन्ता होय ।
इसी तरह साईं सदा,
हृदय आपके होय ।।
Kindly Provide Food & clean drinking Water to Birds & Other Animals,
This is also a kind of SEWA.
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