शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप (रजि.)

Monday, 21 November 2016

तेरे साथ साई, तुझे फिक्र क्या हैं ||

ॐ सांई राम


झमाने कि चिंता में, काहे पडा हैं |
तेरे साथ साई, तुझे फिक्र क्या हैं ||


तूझे एक दिन खुद को पहाचानना हैं |
तेरी आत्मा हि परमात्मा हैं ||
जमाने कि .....

किसी और में हैं चलने कि शक्ती |


तू कैसे समझता हैं खुद चळ रहा हैं ||
जमाने कि .....

कहां तक सजाएगा अपने बदन को |
ये हैं बोज इसको यही छोडना हैं ||
जमाने कि .....

गले से लगा गम कि कथिनाइयो को |
तेरे पिछले जन्मो का ये सिलसिला हैं ||
जमाने कि .....

खाता करनेवाले सजा तो मिलेगी |
तुझे तेरे अंदर से वोह देखता हैं ||
जमाने कि .....

वो आगाज हैं और वो अंजाम तेरा |
वो हि इब्तदा हैं , वो हि इंतीहा हैं ||
जमाने कि .....