शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप (रजि.)

Monday, 4 January 2016

हर तरफ बस तू ही तू

करता भी तू हैं
करवाता भी तू हैं
तो फिर क्यों सजा
दिलवाता भी तू हैं
इस बिरह की अग्नि में
जलवाता भी तू हैं
बिछड़े हुओ को साँई
मिलवाता भी तू हैं
फकीर की झोली
भरवाता भी तू हैं
माँ के आँचल से दूध
पिलवाता भी तू हैं
इस धरती पर जीवन
दिलवाता भी तू हैं
हमें मोह से मुक्त
करवाता भी तू हैं
मोक्ष भी तू हैं
हानि लाभ भी तू हैं
कर्ज भी तू हैं
ब्याज भी तू हैं
सब कुछ तू ही हैं तो हमें
सताता भी तो तू ही हैं