ॐ सांई राम
बिन साईं के में ऐसी, जैसे अंनाथ हो कोई,
बिन बाबा के में ऐसी, जैसे पत्थर हो राह का कोई,
बिन बाबा के में ऐसी, जैसे बिन मांझी के नाव,
बिन साईं के में ऐसी, जैसे हो न किसी के पाँव,
बिन बाबा के में ऐसी, जैसे कटी हुई पतंग,
बिन साईं के में ऐसी जैसे जीवन हो एक जंग.
बाबाजी कर दो कुछ ऐसा चरणों में आपके में रहूँ,
न रहूँ अनाथ, न पत्थर राह का बनू,
मांझी आप बन जाओ बाबाजी, नाव में में बेठी रहूँ,
पैर मेरे जाए सिर्फ आपके द्वार, पतंग हवा में उडती रहे,
जीवन मेरा बीते आपके चरणों में, स्वर्ग से सुंदर बना रहे,
बाबाजी कर दो कुछ ऐसा चरणों में आपके में रहूँ!
न रहूँ अनाथ, न पत्थर राह का बनू,
मांझी आप बन जाओ बाबाजी, नाव में में बेठी रहूँ,
पैर मेरे जाए सिर्फ आपके द्वार, पतंग हवा में उडती रहे,
जीवन मेरा बीते आपके चरणों में, स्वर्ग से सुंदर बना रहे,
बाबाजी कर दो कुछ ऐसा चरणों में आपके में रहूँ!
साईं की बेटी
आँचल साईं चावला