शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप (रजि.)
शिर्डी के साँई बाबा जी की समाधी और बूटी वाड़ा मंदिर में दर्शनों एंव आरतियों का समय....
"ॐ श्री साँई राम जी
समाधी मंदिर के रोज़ाना के कार्यक्रम
मंदिर के कपाट खुलने का समय प्रात: 4:00 बजे
कांकड़ आरती प्रात: 4:30 बजे
मंगल स्नान प्रात: 5:00 बजे
छोटी आरती प्रात: 5:40 बजे
दर्शन प्रारम्भ प्रात: 6:00 बजे
अभिषेक प्रात: 9:00 बजे
मध्यान आरती दोपहर: 12:00 बजे
धूप आरती साँयकाल: 5:45 बजे
शेज आरती रात्री काल: 10:30 बजे
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निर्देशित आरतियों के समय से आधा घंटा पह्ले से ले कर आधा घंटा बाद तक दर्शनों की कतारे रोक ली जाती है। यदि आप दर्शनों के लिये जा रहे है तो इन समयों को ध्यान में रखें।
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Saturday, 12 September 2015
मेरे बाबा सुन लो
Friday, 11 September 2015
अपने भक्तो के सदा, साथ रहते है साईं...
दुःख पड़े तो बाँट लेते है साईं |
मुशीबत आये तो, टाल देते है साईं |
अपने भक्तो के सदा, साथ रहते है साईं...||
ये देख कि तेरे साथ व़फादार कितना है...
ये मत सोच कि उससे कुछ लोगों को नफरत भी है...
ये देख कि उसको तुझ से प्यार कितना है!
|| अपना सांई, प्यारा सांई, सबसे न्यारा अपना सांई ||
ॐ सांई राम।।।
मोहे मिलो तो सांई राम जी ||
Thursday, 10 September 2015
श्री साँई सच्चरित्र - अध्याय 49

Wednesday, 9 September 2015
कैसे कहूँ बाबा तुमसे कितना प्यार है ||
तेरे कदमों की आहट का मुझे इन्तजार है
कैसे कहूँ बाबा तुमसे कितना प्यार है
कैसे कहूँ बाबा तुमसे कितना प्यार है
श्रद्वा सुमन से अपना आँगन मैंने सजा लिया,
साथ में सबुरी का दीपक भी जला लिया |
Tuesday, 8 September 2015
मैं क्या हूँ. ......
मैं हूँ पापी, अधर्मी, दूराचारी
देख ली साँईं मैंने तेरी भी यारी
लीलाओं का सागर हैं बाबा तू तो
ये क्या लीला रची तूने अब की बारी
क्यों हो जाता हूँ मैं इतना मजबूर
क्या है मेरी खता क्या है मेरा कसूर
खो कर सब कुछ दर पे तेरे आया
खोया भी वही जो कभी तुझ से था पाया
तुझे दोनों जहां का सुख-चैन मिलेगा, चिन्ता से भरा दिल साँईं को दे दे.....
कभी दिन उजियारा कभी रैन अंधेरी
कभी मन हरियाली कभी झोली खाली
वो सब कुछ जाने कब क्या देना है
हर पग पे करेगा तेरी रखवाली
तू पकड़ के रखियो विशवास कि डोरी
वो जहां मिला था फिर वहीं मिलेगा
चिन्ता से भरा दिल साँईं को दे दे.....
स्वीकार किया है हमें साँईं ने जब से
ख़ुद को पहचाना जग को पहचाना
मुश्किल से मिली है सदगुरू कि चौखट
मुश्किल से मिला है हमें एक ठिकाना
लगता है सभी हम किस्मत के धनी हैं
अब एसी जगह से कहो कौन हिलेगा
चिन्ता से भरा दिल साँईं को दे दे.....
हो सकता है इक दिन तुम्हे नींद आ जाये
तुम रोम-रोम को ज़रा बोल के रखना
बंद भी हो जाएं जग के दरवाज़े
तुम मन की खिड़की सदा खोल के रखना
किस रात में साँईं कब चुपके-चुपके
अपने भक्तों से ख़ुद आन मिलेगा
चिन्ता से भरा दिल साँईं को दे दे...
तुझे दोनों जहां का सुख-चैन मिलेगा
फिर पतझड़ में भी तेरी बगिया में
साँईं रहमत का ही फूल खिलेगा
चिन्ता से भरा दिल साँईं को दे दे...
Monday, 7 September 2015
ऐसा करो हमारा कल्याण साँईं जी तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम ||
करते हो तुम सबका कल्याण |
बनाते हो तुम सबके बिगड़े काम ||
साँईं जी तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम,
कर दिया उन सब का कल्याण ||
साँईं जी तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम,
सबकी बिगड़ी तुमने बनाई ||
साँईं जी तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम,
खुशियाँ भर दो अंत:करण में ||
कुविचारों को हमारे आप, मिटा दो अपने आप |
करते हो तुम सबका कल्याण |
बनाते हो तुम सबके बिगड़े काम ||
साँईं जी तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम,
कर दिया उन सब का कल्याण ||
साँईं जी तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम,
सबकी बिगड़ी तुमने बनाई ||
साँईं जी तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम,
खुशियाँ भर दो अंत:करण में ||
कुविचारों को हमारे आप, मिटा दो अपने आप |
Sunday, 6 September 2015
तुम ही तो आओगे मेरे साँईं
कहती है ये दुनिया मुजको
तो क्यूँ नहीं आते मेरे साँईं
मै जानु तुम साथ हो मेरे
तेरे आगे ही सर ये झुका था
वो समझे मै पागल हु
वो न जाने इससे ज्यादा
है भरोसा मुझको तुम पे
उसको ऊंचा करने के लिए भी
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