शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप (रजि.)

Monday, 7 December 2015

तू है रहमतो का बादशाह मालिक

64 खाने शतरंज के खेल मे
बादशाह मगर दोनो ओर एक
तू है रहमतो का बादशाह मालिक
मै ठहरा मंगतो का बादशाह एक

तेरी रहमतो के सदके
पड़ी ऐसी आदत साँई
तू दे दे कर नही थकता
और हमे मांगते हुए शर्म ना आई

आज अर्से के बाद बाबा फिर से
शब्दो के असर रंगीन निकले है
जिस ने भी प्रेम से साँई नाम लिया
हम तो उसी के संग जीने निकले है

बाबा बाबा करते करते ही
हम जीवन नईया पार हो गये
जो थे कभी गुमनामी मे खोये
आज साँई नाम लिखे पत्थर हो गये

कुछ ऐसा करम कर दे मेरे मालिक
सांस रूकने तक शब्द  खाली ना हो
ऐसे बाग का हम क्या करेंगे बाबा साँई
जिस बाग का मेरे साँई तू माली ना हो