शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप (रजि.)

Monday, 23 November 2015

बाबा यह मानव नहीं, लगता कोई पीर, अवतारी मुझको लगे, चाहे वेश फकीर

ॐ सांई राम


"सटका मार ज़मीन पर
पानी रहे बहाए,
चिमटा गाढ़ ज़मीन पर,
अग्नि भी ले आये,
बाबा यह मानव नहीं,
लगता कोई पीर,
अवतारी मुझको लगे,
चाहे वेश फकीर"


एक छोटी बच्ची बाबा के साथ जा रही थी.
पुल पर पानी बहुत तेज़ी से बह रहा था,
बाबा बोले, घबराओ मत मेरा हाथ पकड़ लो.
बच्ची ने कहा, नहीं बाबा आप मेरा हाथ पकड़ लो.
बाबा ने मुस्कुरा कर कहा, दोनों में क्या फरक है?
बच्ची ने कहा, अगर.... मै आपका हाथ पकडू
और अचानक कुछ हो जाये तो शायद
मै आपका हाथ छोड़ दूँगी,
लेकिन अगर आप मेरा हाथ पकड़ेंगे,
तो मै जानती हूँ की चाहे कुछ भी हो जाये
आप मेरा हाथ कभी नही छोड़ेंगे!
ॐ साईं नमो: नमः
शिर्डी साईं नमो: नमः
जय जय साईं नमो: नमः
सद्गुरु साईं नमो: नमः