शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप (रजि.)

Saturday, 31 October 2015

कोई रोता है तुम्हे याद कर के बाबा...

ॐ सांई राम




कैसे आऊं मै शिर्डी में बाबा
मुझको अब तुम ही बतला दो
कोई तो रास्ता अब निकालो
जो जल्दी से तेरे दर पे लाये
बहुत तरसी है आंखे ये अब तक
कब देखेंगी ये वो नजारा
जब मुझको भी जन्नत के दर्शन
तेरी शिर्डी में जा कर होंगे
मैंने हर पल तुझको ही चाहा
फिर क्यूँ  न सुना तुमने बाबा
क्या एक बेटे को अपने पिता से
मिलने को तड़पते ही रहना है
खबर तो तुम्हे भी ये होगी
कोई रोता है तुम्हे याद कर के
तुम तो नरम दिल हो बाबा
फिर कैसे जुदाई तुम सह गए
साईं भक्त ये अरदास करें
हाथ जोड़ के साईं चरणों में
कैसे आऊं मै शिर्डी में बाबा
मुझको अब तुम ही बतला दो साईं नाथ मेरे !!!




Friday, 30 October 2015

चल शिरडी को चल साईनाथ मिलेगे.....

ॐ सांई राम



मन में जग जाए जोत तुम्हारी,
मेरे साईं ऐसी करो कृपा...
चड़ी रहे तेरे नाम की खुमारी,
मेरे साईं ऐसी करो कृपा...
तेरे चरणों की धूल मेरे साईं,
चन्दन गुलाल बने
जिसने लगाई मस्तक,
उसकी तकदीर बने...
मेरे साईं ऐसी करो कृपा...


चल शिरडी को चल साईनाथ मिलेगे,
साईनाथ मिलेगे भोले बाबा मिलेगे
भोर भये तुम मन्दिर जाना श्री साई के दर्शन को,
श्री साई जब स्नान करेगे धुल जायेंगे पाप तेरे
मिट जायेंगे सारे पाप तेरे....
माथा टेक समाधि पर तू अपना हाल सुना देना,
साई बाबा बडे दयालु तुझ पर कृपा करेंगे
चल शिरडी को चल साईनाथ मिलेगे
साईनाथ मिलेगे भोले बाबा मिलेगे

Dear All Sai Brothers and Sisters,

This is to inform you all that by the grace of lord SAI, I am visiting Shirdi this Diwali from 8th to 12th Novenber 2015, if you want to send your messages to Baba, then mail your message at our e-mail ID anandsai@saimail.comwhich will be offered to Baba's lotus feet.

These messages should reach to us maximum by 6th November 2015.

Om Sai Ram


Thursday, 29 October 2015

श्री साई सच्चरित्र - अध्याय-5


ॐ सांई राम


आप सभी को शिर्डी के साईं बाबा ग्रुप की और से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं |
हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है |
हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा| किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है|

श्री साई सच्चरित्र - अध्याय-5
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चाँद पाटील की बारात के साथ श्री साई बाबा का पुनः आगमन, अभिनंदन तथा श्री साई शब्द से सम्बोधन, अन्य संतों से भेंट, वेश-भूषा व नित्य कार्यक्रम, पादुकाओं की कथा, मोहिद्दीन के साथ कुश्ती, मोहिद्दीन का जीवन परिवर्तन, जल का तेल में रुपान्ततर, मिथ्या गरु जौहरअली ।



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जैसा गत अध्याय में कहा गया है, मैं अब श्री साई बाबा के शिरडी से अंतर्दृान होने के पश्चात् उनका शिरडी में पुनः किस प्रकार आगमन हुआ, इसका वर्णन करुँगा ।

Wednesday, 28 October 2015

सबके मालिक एक शिरडी वाले बाबा साई ||

ॐ सांई राम



साई राम साई शाम साई भगवान |शिरडी कें दाता सबसे महान ||
करुणा कें सागर दया निधान | शिरडी कें दाता सबसे महान ||
साई चरण कें धुलको माथेपे लगावोगे| पुण्य चारो धामका शिरडी में ही पावोगे ||
होगा यहाँ सब भक्तोंका कल्याण | शिरडी कें दाता सबसे महान ||



|| जय साई राम ||

तुम साई का ध्यान धरोगे साई तुम्हारा ध्यान रखेगे
तू साई चरणो मे सिर झुकायेगा साई तेरे कष्ट मिटायेंगे
तू साई पर सब छोड साई झोली तेरी भर देगे
तू साई साई बोल साई तुझ को भव पार करा देगे
सबके मालिक एक शिरडी वाले बाबा साई ||

Tuesday, 27 October 2015

साईं मेरा पार ब्रह्म, साईं भगवंत...

ॐ सांई राम



साईं मेरी पूजा, साईं गोविन्द,
साईं मेरा पार ब्रह्म, साईं भगवंत.....
साईं मेरा देऊ, अलख अभेऊ,
सर्व पूज चरण साईं सेवऊ
साईं मेरी पूजा, साईं गोविन्द,
साईं मेरा पार ब्रह्म ,साईं भगवंत...
साईं का दर्शन देख- देख जीवां,
साईं के चरण धोये-धोये पीवां..
साईं बिन अवर नही मैं ठाऊँ,
अनबिन जपऊ साईं साईं नाऊँ
साईं मेरी पूजा, साईं गोविन्द,
साईं मेरा पार ब्रह्म, साईं भगवंत...
साईं मेरा ज्ञान, साईं हृदय ध्यान,
साईं गोपाल पुरख भगवान्
साईं मेरी पूजा, साईं गोविन्द,
साईं मेरा पार ब्रह्म, साईं भगवंत...
ऐसे साईं को बल-बल जाइये..
आप मुक्त मोहे तारें.....
साईं की शरण रहो कर जोड़े,
साईं बिना मैं नही होर
साईं मेरी पूजा, साईं गोविन्द,
साईं मेरा पार ब्रह्म, साईं भगवंत...
साईं बहुत तारे भव पार,
साईं सेवा जम से छुटकार
साईं मेरी पूजा, साईं गोविन्द,
साईं मेरा पार ब्रह्म, साईं भगवंत...
अंधकार में साईं मंत्र उजारा,
साईं के संग सजल निस्तारा
साईं मेरी पूजा, साईं गोविन्द,
साईं मेरा पार ब्रह्म, साईं भगवंत..
साईं पूरा पाईया बडभागी,
साईंकी सेवा जिथ ना लागी
साईं मेरी पूजा, साईं गोविन्द,
साईं मेरा पार ब्रह्म,साईं भगवंत...

Monday, 26 October 2015

साईं चरणन मे शीश झुका ले......

सांई राम



साईं चरणन मे शीश झुका ले,
जन्म सफल हो जायेगा |
चहु दिश गहन अन्धेरा छाया,
पग पग भरमाती है माया,
साईं नाम की ज्योति जगेगी,
अन्धकार मिट जायेगा ||

साईं चरणन में शीश झुका ले,
जन्म सफल हो जायेगा |

!! हे प्रभू साईं नाथ महाराज !!

जितना तु सबका है, उतना ही मेरा हे | जब वर्षा होती है तो बादल सब पर एक ही तरह की वर्षा करता हे, मेरे हृदय में भी, अपनी करुणा की वर्षा करो | मुझमे लगन पैदा कर दो, जिससे मैं तुझे मना सकू | तेरा ही हो कर रह जाऊं और तुझे अपना बना लूं  |

मेरे परमात्मा संसार की दौलत भले ही कम देना पर श्रद्धा और सबुरी की दौलत कभी कम न देना |

||ॐ साई राम ||


Sunday, 25 October 2015

अगर हाथ रख दे मेरे सर पे साईं.....

ॐ सांई राम



मन में जग जाए जोत तुम्हारी,
मेरे साईं ऐसी करो कृपा...
चड़ी रहे तेरे नाम की खुमारी,
मेरे साईं ऐसी करो कृपा...
तेरे चरणों की धूल मेरे साईं,
चन्दन गुलाल बने
जिसने लगाई मस्तक,
उसकी तकदीर बने...
मेरे साईं ऐसी करो कृपा...


अगर हाथ रख दे मेरे सर पे साईं,
मुझे फिर किसी कि ज़रूरत नहीं है |
बिठाले अगर अपने चरणो में हर दम,
किसी भी ख़ुशी कि ज़रूरत नहीं है ||
ये फूलों कि दुनिया, ये खारों की दुनिया,
ये लालच में भटके विचारों की दुनिया |
अगर पी सकूँ साईं मस्ती का अमृत,
किसी बेखुदी की ज़रूरत नहीं है ||
अगर हाथ रख दे मेरे सर पे साईं,
मुझे फिर किसी कि ज़रूरत नहीं है |



Saturday, 24 October 2015

तुझे तो मेरे सांई सभी से ही प्यार है...

ॐ सांई राम




सांई दर आप का बरकतों का भण्डार है,
तुझे तो मेरे सांई सभी से ही प्यार है,
तेरा  भक्त प्यासा है तेरे इस प्यार का,
तेरे दुलार का, तेरे दीदार का,
इस दर से कोई गया न निराश है,
मेरे दिल में भी इक यही आस है,
कैसा भी हूँ सांई मुझे अपनाओंगे तुम,
मुझे अपने हृदय से लगाओगे तुम,
ये दिल में आज ठाना है मैने,
तुझे देखे बिना नहीं जाना है मैने,
झोली भर के ही जाऊंगा मैं,
जिद्द ये मेरी है तुम्हे आना पङेगा,
मुझे अपने हृदय से लगाना पङेगा,
पापी हूँ, पतित हूँ, कुटिल हूँ चाहे,
पर भक्त हूँ तेरा ये मानना पङेगा,
पुकार ये आज तुझे सुननी पङेगी,
नहीं तो भक्त तुझसे लड़ पड़ेगा,
तूं मान या न मान, तुझे प्यार है मुझसे,
मैने जो पुकारा तुझे आना पड़ेगा,
आकर मुझे अपने हृदय से लगाना ही पङेगा