शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप (रजि.)

Sunday, 30 August 2015

बात बाबा की निकली वो महीन नहीं

सोचा थोड़ा भीड़ से किनारा कर लूँ
थोड़ा गुमनामी में रह कर गुजारा कर लूँ
परिवार को कैसे भीड़ का हिस्सा कर लूँ
बिना सांसों के मैं कैसे दम भर लूँ

नीर बिना रहे कभी मीन नहीं
साँईं नाम बिना कोई जीन नहीं
दर पर माथा टेके वो हीन नहीं
बात बाबा की निकली वो महीन नहीं