शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप (रजि.)

Friday, 19 June 2015

साँईं जी के वचन का सही अर्थ

पत्थर की शिला से स्वर्ण सिंहासन पाया
मखमल आज पहने कफनी पहनने वाला
सादा लिबास मन पवित्र मीठी वाणी
जो समझा उसनें समाधि की सीढ़ी चढ़ जानी

चढ़े समाधि की सीढ़ी पर
पैर तले दुख की पीढ़ी कर

बाबा जी के इस वचन का सही अर्थ यह है कि यदि आप मेरे द्वारा अपनाए गए रास्ते पर चलते हैं तो दुख की परिभाषा भी भूल जाओगे ।

ऐसा नहीं है कि बाबा जी की समाधि पर जा कर चढ़ गए और दुख दूर हो गये ।

मैंने इस वचन का सही अर्थ मेरे गुरु जी श्री मनीष बग्गा जी के मुख से जाना है ।

बोलिये समर्थ सदगुरु श्री साँईं नाथ महाराज की जय