चाँद तारों को न्यौता भेजा है अभी अभी पवन देव से पुरवाई की गुहार लगाई है समा ना बांध पाये जयकारों से तो कहना आ भी जाओ बाबा कब से हमने राह पे नज़रें लगाई है