शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप (रजि.)

Thursday, 28 May 2015

अरदास एक दास की

जब जब मैंने तुम्हें पुकारा
तुम साँईं दौड़े दौड़े आये
आज जरूरत फिर आन पड़ी है
साँईं जी होना आप सहाये

नईया मेरी बीच भंवर में
कही रह ना जाए अकेली
अपनी कृपा बालक पर रखना
ज्यूँ माँ बन जाती है सहेली