शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप (रजि.)

Tuesday, 26 May 2015

रिश्ता साँईं संग

लिख लिख कर बही खाते
हम साँईं नाम लिखने लगे
दुनिया में कभी अकेले थे
अब साँईं संगत में दिखने लगे

जो रिश्ता हो गर जानना तो
केवल बुरे वक्त में आजमाये
दिखावटी पास ना आयेगा
साँईं दास सदा होंगे सहाये