जपते जपते नाम साँईं का भव सागर के किनारे मैं आया मेरी जीवन नैया पार लगाने खुद दौड़ा दौड़ा साँईं आया
साँईं नाम का सहारा ले कर मैंने अपनी नैया सागर में आज उतारी है गोते ना खाये लहरों के थपेड़ों में कहीं बाबा साँईं आन संभालो अब आपकी बारी है