शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप (रजि.)

Monday, 9 March 2015

कर्मों का फल

माँ एक शब्द नहीं हैं
माँ एक एहसास है
बहुत खुशनसीब हैं वो
माँ जिनके पास है ।

मैं वो खुशनसीब नहीं हूँ
पर बदनसीब भी नहीं हूँ
मेरे पास साँईं माँ जो हैं ।

हमारे कर्मों का फल ही है, जो हमें परेशानियों में धकेलता है, अन्यथा हम सब ईश्वर की संतान हैं और कोई भी माता या पिता अपनी संतान को किसी भी स्थिति में परेशान नहीं देख सकते हैं ।

हम भाग्य को कोसने से बेहतर है कि अपने कर्मों को ही उजला करें, ताकि हमारा भविष्य ठीक उसी प्रकार से हमारा वर्तमान बन कर हमारे समक्ष खड़ा हो जैसा उस परम पिता परमेश्वर ने निर्धारित किया था ।