शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप (रजि.)

Wednesday, 17 December 2014

श्री गुरु हरि कृष्ण जी - साखियाँ - जयसिंह की रानी की परख करनी

श्री गुरु हरि कृष्ण जी - साखियाँ





जयसिंह की रानी की परख करनी

राजा जयसिंह की रानी ने जब यह सुना कि बाल गुरु जी शक्तिवान हैं तो उसने आपको भोजन खिलाने के लिए महलों में बुलाया| रानी गुरु जी की शक्ति को परखना चाहती थी| इस मकसद से रानी ने सेविकाओं वाले वस्त्र पहन लिए और उनके बीच में जाकर बैठ गई| अन्तर्यामी गुरु जी जब अपनी माता सहित राजा के महल में गए तो सभी सेविकाओं ने आपको माथा टेका और बैठ गई|

गुरूजी अपने हाथ की छड़ी सबके सिर ऊपर रखते गए और साथ-साथ यह भी कहते रहे कि यह भी रानी नहीं, यह भी रानी नहीं| परन्तु जब असली रानी की बारी आई तो गुरु जी ने उसके सिर पर भी छड़ी रखी और कहने लगे यह ही रानी है| यह सुनकर रानी फूले नहीं समाई और बड़े प्यार से उन्हें गोदी में बिठा लिया| साथ ही साथ श्रदा के साथ उनके चरण पकडे और सिर झुकाया| राजा-रानी ने बड़े प्रेम से उन्हें भोजन खिलाया व जवाहरात की थाली भी उनको भेंट की|