ॐ सांई राम
आप सभी को शिर्डी के साईं बाबा ग्रुप की ओर से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं |
हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है |
हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा| किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है|
श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 2
ग्रन्थ लेखन का ध्येय, कार्यारम्भ में असमर्थता और साहस, गरमागरम बहस, अर्थपूर्ण उपाधि हेमाडपन्त, गुरु की आवश्यकता ।
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गत अध्याय में ग्रन्थकार ने अपने मौलिक ग्रन्थ श्री साई सच्चरित्र (मराठी भाषा) में उन कारणों पर प्रकाश डाला था, जिननके दृारा उन्हें ग्रन्थरतना के कार्य को आरन्भ करने की प्रेरणा मिली । अब वे ग्रन्थ पठन के योग्य अधिकारियों तथा अन्य विषयों का इस अध्याय में विवेचन करते हैं ।
ग्रन्थ लेखन का हेतु
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